कहां
तो दिल्ली की जनता सफाई कर्मचारियों की कई दिनों की हड़ताल के कारण बजबजाते कूड़े
के ढ़ेरों से परेशान है, वहीं दिल्ली प्रदेश और केन्द्र की सरकारें छुट्टा सांड़ों
की तरह सींगे भिड़ाए एक दूसरे को धकिया रही हैं। इसी संदर्भ में पेश हैं चंद
पंक्तियां
मस्ती
में दोऊ भिड़े मोदी केजरीवाल
दो
पाटन के बीच में जनता है बदहाल
दोनो
को बहुमत मिला मतदाता का प्यार
सेवा
की फुरसत कहां जब हो मारामार
सबक
सिखाने के लिए रहें सदा तैयार
चूकें
ना मौका करें इक दूजे पर वार
पब्लिक
भी सब देखती रखती सदा हिसाब
देना
होगा एक दिन इसका इन्हें जवाब
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