Friday, December 12, 2014

अवधी रचना-
     बलैक  मनी
जय ब्लैक मनी जय ब्लैक मवी
तुम हौ गुलाब हम नागफनी
चिरकुट के पास कहां रइहौ
तुमका पसंद हैं धनी मनी
जय ब्लैक मनी जय ब्लैक मनी
           हल्ला गुल्ला तो खूब सुना
            लउटी कालाधन देश सुना
            है रकम बहुत भारी भइया
             चमकी किस्मत हां एहू सुना
लइ लीना कर्जा हमहू फिर
अब तो बिगरी हर बात बनी
जय ब्लैक मनी जय ब्लैक मनी
तुम हौ गुलाब हम नाग फनी
                बिन बरसेन बादर निकर गये
                  मुंह बाएन हम तो ठाढ़ रहे
                  बहसा बहसी तो खूब भई
                  दिल के अरमां सब धरेन रहे
अब दिल की चोट कही केसे
हमरी गोहार अब कौन सुनी
जय. ब्लैक मनी जय ब्लैकमनी
तुम हौ गुलाब हम नागफनी           
bhonpooo.blogspot.in

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