Wednesday, June 30, 2010

इस दिल में जो है उसे खबर ही नहीं

इस दिल में जो है उसे खबर ही नहीं
और अपना उसके बिन गुज़र बसर ही नहीं
बेशक ज़िन्दगी तू खाबों सी खूबसूरत हो
पर उसके बिन हम भी तेरे रहगुज़र ही नहीं

भावना के
"दिल की कलम से "

1 comment: