Saturday, July 3, 2010

जहां मुस्कुराता है बचपन दादी माँ के साथ

"मैं बला होते दागतर बनूँगा और गलीब लोदों की मदद तरुन्दा उनको दवाई दून्दा और उनको ठीक तर दून्दा" यह चाहत है कक्षा एक में पढने वाले विशाल की जिसकी परवरिश "मानव सेवा ट्रस्ट" इंदौर में हो रही है। विशाल को यहाँ आये तीन बरस हो गए हैं। माँ जब से छोड़ के गयी तब से एक बार भी देखने नहीं आई। विशाल के पिता की मौत इलाज के अभाव में हुयी थी यह बात ट्रस्ट वालों ने ही उसे बतायी थी तभी से वो डॉक्टर बनना चाहता है ताकि उसके पिता की तरह किसी और के पिता का साया उसके सर से ना उठे। विशाल की माँ ने दूसरी शादी कर ली इसलिए अब वो चाह कर भी विशाल से मिलने नहीं आ सकती डरती है की कहीं दुसरे पति को पता चला और उसने उसे छोड़ दिया तो क्या होगा? विशाल की परवरिश तो ट्रस्ट में अच्छी खासी हो ही रही है शायद इतने अच्छे से तो उसका पालन पोषण वो भी न कर पाती पर ट्रस्ट में उसके लिए तो जगह भी नहीं क्यूंकि वहाँ या तो अनाथ और गरीब बच्चे रहते हैं या फिर बुज़ुर्ग महिलाएं और वो अभी बुज़ुर्ग महिलाओं की श्रेणी में नहीं आती इसलिए शायद उसे अपनी ज़िन्दगी में इतना कड़ा फैसला लेना पड़ा होगा वरना कौन माँ ख़ुशी से अपने बच्चे को खुद से जुदा करना चाहेगी ? सबके माँ बाप घर परिवार में से कोई न कोई बच्चों से मिलने ज़रूर आता है पर विशाल का तो माँ के सिवा कोई और था ही नहीं। जब दुसरे लोगों और बच्चों से मिलने आते हैं और उसे मिलने कोई नहीं आता तो वह बड़ा उदास हो जाता है किसी से कहता तो कुछ नहीं लेकिन चुप सा हो जाता है। मानव सेवा ट्रस्ट में विशाल जैसे पचीस बच्चे और हैं जिनकी अलग अलग कहानी है। चार साल से सात साल तक के बच्चों को इस ट्रस्ट में लिया जाता है और वो जब तक पढना चाहें उनके पढाई का पूरा खर्च ट्रस्ट उठाता है। ८६ साल की रुकमा अम्मा इस ट्रस्ट के सब बच्चों की जान है जो यहाँ तेरह साल से हैं। किसी भी बच्चे की पैंट शर्ट फट गयी हो बटन टूट गयी हो, वो बीमार हो गया हो रुकमा अम्मा सब ठीक कर देती है और हमेशा मुस्कुराती रहती है। इस ट्रस्ट में रुकमा अम्मा की तरह ८-१० बुज़ुर्ग महिलायें है जिनका वक़्त इन बच्चों के साथ हँसते मुस्कुराते उनको कहानिया सुनाते कैसे कट जाता है पता ही नहीं चलता।

1 comment:

  1. samaj aise hi logon aur sansthaaon ke vajah se chal rahaa hai.....great posting...people should get motivated and contribute in any possible way.......please put add ress also...might be useful....

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