Wednesday, July 28, 2010

मायावती ke जलवे

जो आप पढने जा रहे है उसको पढ़ कर आपको तो मज़ा आएगा पर यकीन मानिए अगर मायावती जी ने पढ़ा तो मेरी खैर नहीं और हो सकता है अगर मैं कोइ आई एय एस अधिकारी होती तो वो मेरा या तो तबादला करा देती या फिर मेरा वो हश्र होता की फिर कभी इतनी बेबाकी से सच्चाई कहने की कभी हिम्मत ही न होती दोबारा। अगर आप लखनऊ गए होंगे तो आपने वहाँ उनकी मूर्तियाँ ज़रूर देखि होंगी और अगर जाना हो तो देखने को मिलेंगी ही वो आपको । मायावती लखनऊ में कई अच्छी भली रोड्स को वापस से तोडवाकर बनवा रही हैं ताकि लखनऊ देखने वाले उनकी तारीफ करते न थके। सारा विकास आपको पूरे उत्तर प्रदेश में सिर्फ लखनऊ में ही देखने को मिलेगा। बाकी शहरों से शायद उतना लगाव नहीं है उनको या फिर वहाँ दौरा ही न लगता हों असली वजह क्या है दूसरे शहरों की इस उपेक्षा की ये तो उनसे बेहतर भला और कौन बता सकता है हम तो बस कयास ही लगा सकते हैं। उनकी मूर्तियों पर ही कलम चलाने का दिल किया। अब कमबख्त दिल को भला कौन रोक सका है। दिल के हाथों मजबूर होकर इस बेचैनी को आपसे कह रही हूँ ताकि कुछ तो सुकून मिले मुझे ---

पत्थर की मूरत भला, करेंगी कितना नाम
जन जन के दिल में बसे, करिए ऐसा काम॥
(माया जी माफ़ कीजियेगा अगर इस भावना ने आपकी भावनाओ को आहत किया हों तो )

1 comment:

  1. Beautiful intro and couplet.....
    person or entity is praise not by picture but by actions......
    look at Kautilya and Raja Nand...
    and Ashtavakra and Raja Janak....

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