Friday, July 30, 2010

जावेद साहब का एक शेर अर्ज़ है

जावेद साहब की तो बात ही निराली है। इस " जादू" की कलम में वाकई जादू है साथ ही शख्सियत में भी। एक बार आप उनको सुनने बैठेंगे तो बिना रुके बातों का वो सिलसिला चलता रहे ऐसा ही दिल चाहेगा आपका। हर सवाल का जवाब इस कलाकारी से देते हैं की बस मज़ा ही आ जाता है। एक चुटकी जो उन्होंने ली है ज़रा गौर फरमाईयेगा मज़ा आ जाएगा कसम से --

अक्सर वो कहते हैं, वो बस मेरे हैं
अक्सर क्यूँ कहते हैं , हैरत होती है ॥

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