मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार
दिल ने दिल से बात की बिन चिठ्ठी बिन तार।
छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार
आँखों भर आकाश है, बाहों भर संसार।
नदिया सींचे खेत को, तोता कुतरे आम
सूरज ठेकेदार सा सबको बाटें काम।
चाहे गीता बांचिये या पढ़िए कुरआन
तेरा मेरा प्यार ही हर पुस्तक का ज्ञान।
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