माँ का आँचल खुदा के दुआओं की नेमत
लगा सकते नहीं उसकी हम कोई कीमत ।
जिसके सर पे है उस माँ के आँचल का साया
ग़म का तूफ़ान उसको डिगा भी न पाया ।
उसकी वजह से है तेरी दुनिया में ज़ीनत ( खूबसूरती)
लगा सकते नहीं माँ की ममता की कीमत।
भावना के
"दिल की कलम से "
loved so much....the word 'Maa' is so complete in itself needs no further explanation as the poem gives nice glimpse of her glory ....
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