पर्यावरण बिगाड़कर बैठे विकसित देश
खुद कहना माने नहीं, हमको दें उपदेश।
ग्लोबल वार्मिंग पर बहुत मचता केवल शोर
करने की जब बात हो, सब बनते मुह्चोर।
कुदरत से हम कर रहे जाने क्यूँ खिलवाड़
थप्पड़ भी यह मारती, करती जितना लाड।
बेलगाम उपभोग और पर्यावरण बचाव
दोनों में से एक का करें हुज़ूर चुनाव।
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