Sunday, May 10, 2015

कविता---- मदर्स डे


मां का दिन हर दिन होता है
मां से शुरू सब कुछ होता है

   जैसे रोज हवा चलती है
   नदिया रोज बहा करती है
सूरज रोज उदय होता है
मां का दिन हर दिन होता है

     जैसे पंछी रोज चहकते
     बगिया में नित फूल महकते
जंगल रोज नया होता है
मां का दिन हर दिन होता है
     मां से सुबह शाम होती है
     सांस सांस में मां होती है
मां से जग रोशन होता है
मां का दिन हर दिन होता है

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