मीडिया हथियार है बाजार का अब देखिये
था कभी जनपक्षधर अब नाम भर का देखिये
यंत्र ताबीजों के विज्ञापन दिखाकर आज यह
अंध विश्वासों को कैसे सींचता यह देखिये
पंच लाइन देख कर गुमराह मत होना कभी
खबरों के पीछे जो सच है गौर करके देखिये
दर्द होरी का अब आये कैसे सबके सामने
फिक्र टी आर पी हरदम रहती इनको देखिये
आया सोशल मीडिया बनकर उम्मीदों की किरन
फायदे नुकसान दोनो हैं सम्भल कर देखिये
Bhonpooo.blogspot.in
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