Friday, July 17, 2015

मीडिया


मीडिया हथियार है बाजार का अब देखिये
था कभी जनपक्षधर अब नाम भर का देखिये

यंत्र ताबीजों के विज्ञापन दिखाकर आज यह
अंध विश्वासों को कैसे सींचता यह देखिये

पंच लाइन देख कर गुमराह मत होना कभी
खबरों के पीछे जो सच है गौर करके देखिये

दर्द होरी का अब आये कैसे सबके सामने
फिक्र टी आर पी हरदम रहती इनको देखिये

आया सोशल मीडिया बनकर उम्मीदों की किरन
फायदे नुकसान दोनो हैं सम्भल कर देखिये

Bhonpooo.blogspot.in

No comments:

Post a Comment