बढ़ा है देश आगे क्या तुम्हें दिखता नहीं है
हुए अतिधनिक तिगुने क्या तुम्हें दिखता नहीं है
जलो मत इस तरह तुम देख अच्छे दिन किसी के
बढ़ी है औसत इनकम क्या तुम्हें दिखता नहीं है
चलो माना कि कालाधन नहीं ला पाए अब तक
पर कोशिश में लगे हम क्या तुम्हें दिखता नहीं है
अब मीठी गोली यूं ही चूसते रहिये उम्मीदों की
रहा दस्तूर हरदम क्या तुम्हें दिखता नहीं है
है कब बदली व्यवस्था सिर्फ सत्ता के बदलने से
हैं हम मौसेरे भाई क्या तुम्हें दिखता नहीं है
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