Tuesday, July 28, 2015

शत शत प्रणाम



  चाहे जितने भी शब्द इस्तेमाल करूं दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम के प्रेरक व्यक्तित्व को बयान करने के लिए नाकाफी होंगे। बच्चों और युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय, स्वप्नदृष्टा, आदर्श हिंदुस्तानी, जीवन की अंतिम बेला तक सक्रिय रहने वाले कलाम साहब देश की आनेवाली तमाम पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। वे देश और दुनिया की बेहतरी के लिए शिक्षा को बहुत अहम् मानते थे। इस धरती को जीने लायक कैसे बनाया जाय अंतिम क्षण तक वे चिंतन करते रहे। अंत में दो पंक्तियां –

भारत मां के लाल को बारम्बार प्रणाम
अथक परिश्रम से किया देश का ऊंचा नाम

रहा सदा ही प्रेरणा का अद्भुत भंड़ार
जीवन न्योछावर किया सदा देश को प्यार


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