Tuesday, August 19, 2014

पेश-ए-खिदमत है 

बेसबब रूठ के जाने के लिए आये थे
आप तो हमको मनाने के लिए आये थे।

ये जो कुछ लोग खमिदा (झुके ) हैं कमानों की तरह
आसमानो को झुकाने के लिए आये थे।

- मुज़फ्फर हनफ़ी 

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