अधिकतर धर्म ,जाति ,गोत्र आदि तमाम बंधनों केकारण बेमेलशादियां होतीं हैं जिसके कारण जिंदगी नर्क बन जाती है। इसलिए जरूरत तो इन बेड़ियों को तोड़ने की है। विवाह के नाम पर धोखाधड़ी करनेवाले को जल्द कड़ी सजा मिलनी चाहिए पर लव जेहाद के नाम पर वैमनस्य फैलाना उचित नहीं कहा जायेगा। इस पर चंद दोहे प्रस्तुत हैं
१
प्रेम भला कब देखता जात पांत और धर्म
सौदागर जानें नहीं कभी प्रेम का मर्म
२
जाति धर्म की बेड़ियां हों बेमेल विवाह
घुट घुट कर जीवन जियें निकले आह कराह
३
धोखेबाजों को मिले जल्द सजा माकूल
लव जिहाद का नाम ले मत बोएं यूं शूल
bh
१
प्रेम भला कब देखता जात पांत और धर्म
सौदागर जानें नहीं कभी प्रेम का मर्म
२
जाति धर्म की बेड़ियां हों बेमेल विवाह
घुट घुट कर जीवन जियें निकले आह कराह
३
धोखेबाजों को मिले जल्द सजा माकूल
लव जिहाद का नाम ले मत बोएं यूं शूल
bh
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