इस समय दामाद कथायें सुर्खियों में है।एक दामाद जमीन घोटाले के कारण तो दूसरे दामाद जी अपने मुख्यमंत्री ससुर के पीए बनने के कारण खबरों में रहे।इसी संदर्भ में प्रस्तुत है कविता
दामाद जी
हाथी घोड़ा पालकी
जय बोलो दामाद की
चारागाह देश जब सारा
चिंता फिर किस बात की
जिधर नजर फिर जाय तुम्हारी
दौड़ पड़ा अमला सरकारी
दिन को रात आम को इमली
कहते सुर में आपकी
जय बोलो दामाद की
रहे सभी कानून से ऊपर
किया बंदगी सबने झुक कर
पद से दूर रहे फिरभी थी
धाक तुम्हारे नाम की
जय बोलो दामाद की
सत्ता का सुख खूब है लूटा
बिल्ली के भागों छींका टूटा
किसमें दम रोके टोके जो
मनमानी श्रीमान की
जय बोलो दामाद की
समय रहा कब सदा एक सा
समय बदलते सब कुछ बदला
घिरी घटायें चली हवायें
तूफानी रफ्तार की
जय बोलो दामाद की
bhonpooo.blogspot.in
दामाद जी
हाथी घोड़ा पालकी
जय बोलो दामाद की
चारागाह देश जब सारा
चिंता फिर किस बात की
जिधर नजर फिर जाय तुम्हारी
दौड़ पड़ा अमला सरकारी
दिन को रात आम को इमली
कहते सुर में आपकी
जय बोलो दामाद की
रहे सभी कानून से ऊपर
किया बंदगी सबने झुक कर
पद से दूर रहे फिरभी थी
धाक तुम्हारे नाम की
जय बोलो दामाद की
सत्ता का सुख खूब है लूटा
बिल्ली के भागों छींका टूटा
किसमें दम रोके टोके जो
मनमानी श्रीमान की
जय बोलो दामाद की
समय रहा कब सदा एक सा
समय बदलते सब कुछ बदला
घिरी घटायें चली हवायें
तूफानी रफ्तार की
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