बचपन दोबारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
चला गया था दूर यह मुझसे करके मुझको बेचारा
सपनों के पीछे भागा हूं
अपनों के पीछे भागा हूं
परछांई के पीछे दौड़ा
बहुत तेज सरपट भागा हूं
छलती रही सफलता अब तक हुए कभी न पौ बारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
टिमटिम संग घूमा करता हूं
झूले पर झूला करता हूं
पेड़ों के नीचे जा करके
चिड़ियों के गाने सुनता हूं
कभी चूम लेती गालों को चंचल हवा ये अावारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
कंकड़ पत्थर बने खिलौने
मंहगे ट्वाय हुए लो बौने
भरें चौकड़ी एेसे बच्चे
जैसे हों कोई मृग छौने
बच्चों के संग खेल बुढ़ापे को अब मैने ललकारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
छुपी छुपौवल,आंख मिचौनी
कभी गीत तो कभी कहानी
अक्कड़ बक्कड़ कभी खेलते
कभी हैं गाते पानी पानी
नजर लगे ना बचपन को हो जाये फिर नौ दो ग्यारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
bhonpooo.blogspot.in
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
चला गया था दूर यह मुझसे करके मुझको बेचारा
सपनों के पीछे भागा हूं
अपनों के पीछे भागा हूं
परछांई के पीछे दौड़ा
बहुत तेज सरपट भागा हूं
छलती रही सफलता अब तक हुए कभी न पौ बारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
टिमटिम संग घूमा करता हूं
झूले पर झूला करता हूं
पेड़ों के नीचे जा करके
चिड़ियों के गाने सुनता हूं
कभी चूम लेती गालों को चंचल हवा ये अावारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
कंकड़ पत्थर बने खिलौने
मंहगे ट्वाय हुए लो बौने
भरें चौकड़ी एेसे बच्चे
जैसे हों कोई मृग छौने
बच्चों के संग खेल बुढ़ापे को अब मैने ललकारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
छुपी छुपौवल,आंख मिचौनी
कभी गीत तो कभी कहानी
अक्कड़ बक्कड़ कभी खेलते
कभी हैं गाते पानी पानी
नजर लगे ना बचपन को हो जाये फिर नौ दो ग्यारा
देखो तो पाया है मैने अपना बचपन दोबारा
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kya khoog likha hai ajayji. sach mein aap is sooch se kabhi bhi bodhe aur bimar nahi ho sakte. Mujhe ab nahi lagta aap bimar hai
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