Sensible Cinema
Thursday, October 30, 2014
आज दिल की कलम से …
अहमद नदीम क़ासमी
कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊंगा
मैं तो दरिया हूँ समंदर में उतर जाऊंगा
तेरा दर छोड़के मैं और किधर जाऊंगा
घर में घिर जाऊंगा, सहरा ( जंगल) में बिखर जाऊंगा।
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