भले ही हमने विज्ञान के क्षेत्र में सफल मंगल अभियान द्वारा सफलता के झंडे गाड़ दिये हों पर समाज विज्ञान के क्षेत्र में अभी भी बहुत पीछे हैं,छुआछूत का कलंक अभी भी माथे पर लगा है।हाल ही में हुए एक राष्ट्रीय अध्ययन ने आइना दिखाया है।इसी संदर्भ में कुछ पंक्तियां प्रस्तुत हैं
1
छुआछूत की अभी भी है बाकी दीवार
मुंह में कुछ मन अौर कुछ गहरी बहुत दरार
2
कहते छाती ठोंक कर हम हैं सभ्य समाज
छुआछूत का दाग फिक क्यों माथे पर आज
3
फैशन अपनाया मगर बदले नहीं विचार
लाख छिपाये ना छिपे अंदर भरा विकार
4
छुआछूत अपराध है संविधान रहा टेर
अब भी जिंदा यह प्रथा हुई बहुत ही देर
bhonpooo.blogspot.in
1
छुआछूत की अभी भी है बाकी दीवार
मुंह में कुछ मन अौर कुछ गहरी बहुत दरार
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कहते छाती ठोंक कर हम हैं सभ्य समाज
छुआछूत का दाग फिक क्यों माथे पर आज
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फैशन अपनाया मगर बदले नहीं विचार
लाख छिपाये ना छिपे अंदर भरा विकार
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छुआछूत अपराध है संविधान रहा टेर
अब भी जिंदा यह प्रथा हुई बहुत ही देर
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