बचपन पर चंद दोहे---
बचपन के संग ही गया बयपन का वो प्यार
बड़े हुए तो मिल रही डांट डपट फटकार
पल पल होती थी सदा खुशियों की बरसात
खुशियों को हैं दे रही चिंतायें अब मात
यादें बचपन की अभी भी हैं मेरे साथ
ले जाती उस दौर में पकड़े मेरा हाथ
अक्सर याद आता मुझे अपना बिछड़ा गांव
बारिश में जब छोड़ते थे कागज की नाव
बदल गया मेरी तरह अब बचपन का गांव
जाता हूं अजनबी सा आता उल्टे पांव
bhonpooo.blogspot.in
बचपन के संग ही गया बयपन का वो प्यार
बड़े हुए तो मिल रही डांट डपट फटकार
पल पल होती थी सदा खुशियों की बरसात
खुशियों को हैं दे रही चिंतायें अब मात
यादें बचपन की अभी भी हैं मेरे साथ
ले जाती उस दौर में पकड़े मेरा हाथ
अक्सर याद आता मुझे अपना बिछड़ा गांव
बारिश में जब छोड़ते थे कागज की नाव
बदल गया मेरी तरह अब बचपन का गांव
जाता हूं अजनबी सा आता उल्टे पांव
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