Wednesday, December 3, 2014

जिस तेजी से चमत्कार को नमस्कार का चलन बढ़ा है उसी रफ्तार से बाबाअों की दूकानदारी चटकी है।धर्म की जगह आडम्बर बढ़ रहा है,उसे बेनकाब होना ही है।आसाराम,रामपाल आदि तो कुछ उदाहरण भर हैं।इसी पर पेश हैं चंद दोहे
1
सरल ह्रदय वे संत हैं छल प्रपंच से दूर
प्रेम दया सेवा सदा हो जिनमे भरपूर
2
काम क्रोध मद लोध से रहे जो हरदम चूर
एेसे ढ़ोंगी से सदा रहना प्यारे दूर
3
नेता- बाबा का बना है कैसा गठजोड़
मिलजुल दोनो लूटते लाज शरम सब छोड़
4
हम भी पाना चाहते जल्दी सबकुछ आज
अपनाने से शार्टकट कब आते हैं बाज
bhonpooo.blogspot.in

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