Wednesday, February 11, 2015

सामयिक दोहे-----
एक बार फिर जनता ने चुनावी पंडितों को दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर दिया आप को अभूतपूर्व समर्थन देकर।इसी संदर्भ में चंद दोहे पेश हैं

चक्रव्यूह को तोड़कर रचा नया इतिहास
अभिमन्यू की जीत पर गदगद आम-अो-खास

राजनीति में देश को झाड़ू की दरकार
कूड़ा करकट साफ हो जनता कहे पुकार

कांग्रेस तो रेस से बाहर पहुंची जाय
देखें तारनहार बन करता कौन सहाय

दिल्ली दंगल ने दिया सबक बड़ा ही खास
अति का भला न गर्जना कहे मीडियादास
bhonpooo.blogspot,in

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