आदमी आदमी से मिलता है
दिल मगर कम ही किसी से मिलता है
मैं भूल जाता हूँ हर सितम उसके
वो कुछ इस सादगी से मिलता है
आज क्या बात है की फूलों का
रंग तेरी हंसी से मिलता है॥
शायर
???
दिल मगर कम ही किसी से मिलता है
मैं भूल जाता हूँ हर सितम उसके
वो कुछ इस सादगी से मिलता है
आज क्या बात है की फूलों का
रंग तेरी हंसी से मिलता है॥
शायर
???
bahut badhiyaa!!
ReplyDeleteachchha likha hai shayar ne...
ReplyDeleteBahut hi sundar abhivykti hai bhawnaon ki ............:)
ReplyDeleteबहुत बढ़िया !
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