Monday, September 1, 2014

नेता पुत्र पहले भी चर्चा का विषय रहे हैं ,आज भी हैं। रेल मंत्री के पुत्र के बारे में चैनलों ने चटखारेदार खबर दी। नेतापुत्रों  पर चंद लाइनें पेश हैं

नेतापुत्र अगर मैं होता
सुख सुविधाओं के सागर में
खूब लगता गोता
      नेतापुत्र  अगर मैं होता
राजनीति घुट्टी में मिलती
हर दिन शाम सबेरे
झूठ कपट पाखण्ड द्वेष
सब सहचर होते मेरे
देख मुझे नैतिकता डरती
सदाचार तो रोता
     नेतापुत्र अगर मैं होता
गुंडे चलते आगे पीछे
देख सभी भय खाते
 बड़ेबड़े अफसर सब मेरे
घर पर आते जाते
एक इशारे पर ही मेरे
काम खटाखट होता
       नेतापुत्र अगर मैं होता
गिरगिट जैसा रंग बदलता
जब चुनाव आ जाता
गांव गरीब तभी सब भाते
सबको गले लगता
पंद्रह दिन की खेती करके
पांच साल फिर सोता
      नेतापुत्र अगर मैं होता
 b

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