हम और आप क्या कर सकते हैं …
धरती के स्वर्ग पर प्रकृति का कहर बरपा है। उत्तराखण्ड के खौफ़नाक मंज़र को अभी हम भूल भी ना पाये थे कि एक और भयावह मंज़र हमारे सामने है। अख़बारों के आंकड़ों के अनुसार जम्मू कश्मीर में आई बाढ़ में अब तक २२५ लोगों की मौत हो चुकी है, ये संख्या और भी बढ़ सकती है। अलग अलग इलाकों में ६ लाख लोग अब भी फंसे हैं। हालांकि सेना और राष्ट्रीय आपदा राहत बल ने मंगलवार शाम तक ४२,५८७ लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। यहां के स्थानीय लोग भी अपनी जान को जोखिम में डालकर पानी में फंसे लोगों को बचाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए सबसे सेना, राष्ट्रिय आपदा राहत बल और वहाँ के लोगों को सलाम।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाने में व्हाट्स-अप, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया भी सक्रीय हुआ है। सोशल मीडिया के ज़रिये भी लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। श्रीनगर के फारूक इलाके के जवाहर नगर में तीसरी मंज़िल पर नौ माह की गर्भवती फंसी थी। बिल्डिंग के सामने १३ फ़ीट पानी था। उस गर्भवती महिला की बहन ने सेना को फेसबुक और व्हाट्स-अप पर अपील की कि बहन को बचा लो और सेना के जाबांज़ सैनिकों ने उसे बचा लिया। राष्ट्रीय आपदा राहत बल के प्रमुख ओ. पी. सिंह ने कहा अब तक हमें फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स-अप और ई-मेल के ज़रिये ४५३ सन्देश मिल चुके हैं जिसमें कई लोगों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे अपने सगे-सम्बन्धियों को बचाने और ढूंढने की अपील की है। इतना ही नहीं लोग फेसबुक और ट्विटर पर JKFloodRelief.org वेबसाइट के बारे में भी पोस्ट कर रहे हैं जिसके ज़रिये लोग जम्मू-कश्मीर में फंसे लोगों तक दवाईयां और ज़रुरत का सामान पंहुचा सकते हैं। Donatehere नाम के पेज पर आप जो लोग जम्मू कश्मीर में ज़रूरतमंद लोगों के लिए अलग अलग शहर से काम कर रहे हैं उन लोगों से भी संपर्क कर सकते हैं और अपनी शक्ति अनुसार उनकी मदद कर सकते हैं। ट्विटर पर इस वेबसाइट का एक हैंडल भी है JKFloodRelief नाम से जहां पर आप ये पता लगा सकते हैं की कौन कौन से लोग अभी लापता हैं और किसको बाढ़ से सुरक्षित निकाल लिया गया है। उम्मीद हैं जिन लोगों के सगे-सम्बन्धी वहाँ फंसे हैं उन्हें इस हैंडल पर क्लिक करने से उनका पता चल जाएगा और वो राहत की सांस ले सकेंगे। इसके अलावा भी आप NDRF ke no 011-26107953, 097110-77372 पर कॉल और ndrfq@nic.in पर मेल करके भी वहां फंसे लोगों की जानकारी दे सकते हैं ताकि उन्हें बचाया जा सके।
सोशल मीडिया पर इस मुहीम की सक्रियता देख कर अच्छा लगा। यूँ तो हम फेसबुक, ट्विटर पर घंटों बिताते हैं, अपने दोस्तों से बातें करने के लिए, अपना स्टेटस अपडेट करने के लिए, नयी फोटो अपलोड करने के लिए, उन पर लोगों के लाइक्स और कमेंट्स देखने के लिए। एक गुज़ारिश है थोड़ा सा वक़्त http://jkfloodrelief.org/ इस वेबसाइट को देखने के लिए ज़रूर दें। आप इसे देखेंगे तो पता चलेगा की वहाँ लोगों को किन किन छोटी चीज़ों की ज़रूरत है जिसे हम और आप आसानी से उन्हें मुहैया करा सकते हैं जैसे टॉर्च, बैटरी, रस्सी, रबर के जूते, बच्चों के कपडे, खाने पीने की चीज़ें आदि लिस्ट बहुत लम्बी है। ज़रूरी नहीं की हम सरकार की तरह रूपए से उन ज़रूरतमंद लोगों की मदद करें पर चीज़ों से तो कर ही सकते हैं। सेना, सरकार, आपदा प्रबंधन और वहाँ के लोग तो अपने स्तर पर बहुत कुछ कर ही रहे हैं आइये हम और आप भी उनकी मदद की ओर एक कदम बढ़ाते हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाने में व्हाट्स-अप, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया भी सक्रीय हुआ है। सोशल मीडिया के ज़रिये भी लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। श्रीनगर के फारूक इलाके के जवाहर नगर में तीसरी मंज़िल पर नौ माह की गर्भवती फंसी थी। बिल्डिंग के सामने १३ फ़ीट पानी था। उस गर्भवती महिला की बहन ने सेना को फेसबुक और व्हाट्स-अप पर अपील की कि बहन को बचा लो और सेना के जाबांज़ सैनिकों ने उसे बचा लिया। राष्ट्रीय आपदा राहत बल के प्रमुख ओ. पी. सिंह ने कहा अब तक हमें फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स-अप और ई-मेल के ज़रिये ४५३ सन्देश मिल चुके हैं जिसमें कई लोगों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे अपने सगे-सम्बन्धियों को बचाने और ढूंढने की अपील की है। इतना ही नहीं लोग फेसबुक और ट्विटर पर JKFloodRelief.org वेबसाइट के बारे में भी पोस्ट कर रहे हैं जिसके ज़रिये लोग जम्मू-कश्मीर में फंसे लोगों तक दवाईयां और ज़रुरत का सामान पंहुचा सकते हैं। Donatehere नाम के पेज पर आप जो लोग जम्मू कश्मीर में ज़रूरतमंद लोगों के लिए अलग अलग शहर से काम कर रहे हैं उन लोगों से भी संपर्क कर सकते हैं और अपनी शक्ति अनुसार उनकी मदद कर सकते हैं। ट्विटर पर इस वेबसाइट का एक हैंडल भी है JKFloodRelief नाम से जहां पर आप ये पता लगा सकते हैं की कौन कौन से लोग अभी लापता हैं और किसको बाढ़ से सुरक्षित निकाल लिया गया है। उम्मीद हैं जिन लोगों के सगे-सम्बन्धी वहाँ फंसे हैं उन्हें इस हैंडल पर क्लिक करने से उनका पता चल जाएगा और वो राहत की सांस ले सकेंगे। इसके अलावा भी आप NDRF ke no 011-26107953, 097110-77372 पर कॉल और ndrfq@nic.in पर मेल करके भी वहां फंसे लोगों की जानकारी दे सकते हैं ताकि उन्हें बचाया जा सके।
सोशल मीडिया पर इस मुहीम की सक्रियता देख कर अच्छा लगा। यूँ तो हम फेसबुक, ट्विटर पर घंटों बिताते हैं, अपने दोस्तों से बातें करने के लिए, अपना स्टेटस अपडेट करने के लिए, नयी फोटो अपलोड करने के लिए, उन पर लोगों के लाइक्स और कमेंट्स देखने के लिए। एक गुज़ारिश है थोड़ा सा वक़्त http://jkfloodrelief.org/ इस वेबसाइट को देखने के लिए ज़रूर दें। आप इसे देखेंगे तो पता चलेगा की वहाँ लोगों को किन किन छोटी चीज़ों की ज़रूरत है जिसे हम और आप आसानी से उन्हें मुहैया करा सकते हैं जैसे टॉर्च, बैटरी, रस्सी, रबर के जूते, बच्चों के कपडे, खाने पीने की चीज़ें आदि लिस्ट बहुत लम्बी है। ज़रूरी नहीं की हम सरकार की तरह रूपए से उन ज़रूरतमंद लोगों की मदद करें पर चीज़ों से तो कर ही सकते हैं। सेना, सरकार, आपदा प्रबंधन और वहाँ के लोग तो अपने स्तर पर बहुत कुछ कर ही रहे हैं आइये हम और आप भी उनकी मदद की ओर एक कदम बढ़ाते हैं।
- भावना पाठक
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