हिन्दी दिवस पर प्रस्ततुत है कविता-
हिन्दी पखवाड़ा
यह कैसा हिन्दी पखवाड़ा
हिन्दी जा कोने में दुबकी
अंगरेजी का बजे नगाड़ा
यह कैसा हिन्दी पखवाड़ा
गिटपिट गिटपिट हरदम बोलें
अंगरेजी टपके मुंह खोलें
गली गली में उगे हुए
इन कान्वेन्टों ने किया कबाड़ा
यह कैसा हिन्दी पखवाड़ा
हिन्दी की बिन्दी न जाने
भाषण से फिरभी नमाने
नेता जीने हिन्दी दिवस पर
अंगरेजी में खूब दहाड़ा
यह कैसा हिन्दी पखवाड़ा
रोमन लिपि में हिन्दी चलती
कहते इससे सुविधा रहती
सुविधाओं की राजनीति ने
धीरे धीरे खेल बिगाड़ा
यह कैसा हिन्दी पखवाड़ा
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