सब्र तो करना ही होगा
जम्मू कश्मीर में आई भारी बाढ़ में फंसे लोगों को अभी सेना और आपदा प्रबंधन के लोग निकाल भी नहीं पाये थे की गुजरात के कई शहरों में भी पानी ने कहर बरपा दिया। अभी भी धरती के स्वर्ग में ५ लाख लोग फंसे हैं और इधर गुजरात में २ लाख लोगों को पानी ने और अपना कैदी लिया। विश्वामित्र नदी समेत कई नदियां उफान पर हैं। सेना को अब ७ लाख लोगों को निकालना है।
मौत का खौफ क्या होता है ये उससे बेहतर कोई और नहीं बता सकता जिसे बस छूकर मौत गुज़र गयी हो या जिसने अपनी आँखों के सामने कई लोगों को मौत के मुंह में जाते देखा हो। जो कई दिनों से भूखा-प्यासा पानी में फंसा होगा उसे गुस्सा तो आएगा ही सही पर सेना और आपदा प्रबंधन के लोगों पर गुस्सा दिखाना ठीक नहीं है, जो आपको बचाने की भरसक कोशिश कर रहा है अपनी ज़िन्दगी की परवाह किये बगैर उनपर हमला करना सरासर ग़लत है। जम्मू कश्मीर में पानी में फंसे कई लोगों ने सेना और आपदा प्रबंधन बल पर पत्थरों से हमला किया जिसमें आपदा प्रबंधन बल के दो लोग ज़ख़्मी हो गए। नेता सिर्फ हवाई यात्रायें कर सकते हैं और वही कर रहे हैं वो आपको सेना के जाबांज़ सिपाहियों की तरह मौत के मुंह से बाहर नहीं निकाल सकते इसलिए आपको खुदा का वास्ता उन्हें ज़ख़्मी न करो जो आपके ज़ख्मों पर मरहम लगा रहे हैं। आपको आपकी ज़िन्दगी प्यारी होगी पर सेना को आप जैसे लाखों लोगों को बचाना है। आपको सब्र करना ही होगा। ये सब्र का इम्तेहान हैं दोस्तों उम्मीद है आप इसमें पास होंगे।
- भावना पाठक
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