फ़िल्म ए माइटी हार्ट की समीक्षा (यादों में इरफ़ान सीरीज ...17)
इरफ़ान खान की अभिनय यात्रा को करीब से समझने के लिए और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मैंने आज (23/05/2020) यादों में इरफ़ान सीरीज के तहत उनकी फ़िल्म #Amightyheart देखी। इस फिल्म में उनका किरदार पाकिस्तान के सीआईडी चीफ जावेद हबीब का है। फ़िल्म में मुख्य किरदार की भूमिका में हैं एंजेलिना जॉली। फ़िल्म का निर्देशन किया है माइकल विंटरबॉटम ने, जिसे 2007 में रिलीज किया गया था। ये फ़िल्म 2002 में पाकिस्तान में एक अमरीकी पत्रकार डेनियल पर्ल के बड़े ही नाटकीय ढंग से हुए अपहरण और बाद में उसकी बेरहमी से की गई हत्या पर आधारित है पर डेनियल से ज़्यादा ये फ़िल्म उसकी पत्नि मैरियन पर्ल के हौसले और धैर्य की कहानी है जो अंत तक अपने पति को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करती है, नाज़ुक पलों में भी ख़ुद को बिखरने नहीं देती। ये जानने के बावजूद कि जिहादियों ने उसके पति और उसके होने वाले बच्चे के पिता की नृशंस हत्या की है वो उनसे नफ़रत नहीं करती बल्कि भविष्य में उनसे नफ़रत की राह छोड़कर प्रेम और सौहार्द्र की उम्मीद लेकर पाकिस्तान से अपने मुल्क रवाना होती है। सत्य घटना पर आधारित इस फिल्म के साथ निर्देशक और अभिनेताओं ने काफी हद तक इंसाफ किया है। एंजेलिना जॉली ने डेनियल पर्ल की पत्नि मरियन पर्ल के किरदार को बखूबी आत्मसात किया है और इसके लिए उन्हें खूब सराहा गय साथ ही इस रोल के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिले।
डेनियल पर्ल और उनकी पत्नी मैरियन पेशे से पत्रकार होते हैं और न्यूज़ स्टोरी के लिए पाकिस्तान आते हैं। डेनियल एक खोजी पत्रकार होता है और उसे एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के लिए किसी से मिलने जाना होता है। वो शाम तक वापस लौट आने का अपनी पत्नि से वादा कर उस इंटरव्यू के लिए निकल पड़ता है और उस इंटरव्यू के बाद उन्हें अमेरिका वापस जाना था। मैरियन छः महीने की गर्भवती होती है। ये सोचकर की डेनियल शाम तक वापस आ जाएगा वो उसके लिए क्यूबन डिश बनाती है पर डेनियल का फोन लगातार स्विच्ड ऑफ आता है। मैरियन को कुछ गड़बड़ होने की आशंका होती है तो वो तुरंत डेनियल का मेल अाई डी चेक करती है और उसकी शंका यकीन में बदल जाती है। मैरियन की मदद के लिए पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी के साथ साथ न्याय विभाग और अमेरिका का डिप्लोमेटिक सिक्योरिटी सर्विस आगे आता है, सभी अपनी ओर से डेनियल को बचाने की हर संभव कोशिश करते हैं खासकर पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी के कैप्टन ज़ीशन काज़मी (इरफ़ान खान) ने बहुत मदद की पर वो डेनियल को जिहादियों के कोप से बचा ना सके। एक वीडियो संदेश के ज़रिए वो डेनियल का सर क़लम करते हुए दिखाते हैं। ये फ़िल्म डेनियल के अचानक से गायब हो जाने के बाद, उसके अपहरण को सियासी रंग देने और डेनियल के तालुक अमेरिका की खुफिया एजेंसी से जोड़ने की अफवाहों, उसे छोड़ने की एवज में ओमर शेख और उसकी टीम द्वारा अमेरिका द्वारा कैद किए गए उनके साथियों को रिहा कराने की मांग से लेकर नौ दिन तक दिन रात डेनियल को ढूंढने और वापस ज़िंदा लाने की उम्मीद में धीरज रखने वाली मैरियन के अदम्य साहस की कहानी है।
इस फ़िल्म में एंजेलिना जॉली की सुरक्षा के मद्देनजर ज़्यादातर शूटिंग उत्तर भारत में की गई है पर फ़िल्म में एंजेलिना के कोस्टार फुटरमं ने बैकग्राउंड लोकेशन का रियल फील लाने के लिए ज़्यादातर शूट पाकिस्तान के उस रियल लोकेशन पर जाकर की जहां से पत्रकार डेनियल गायब हुए थे। फ़िल्म यकीनन काबिले तारीफ़ है, वक़्त मिले तो देखिएगा।
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